गर्मी में लू लगने पर क्या करें What to do if you get heatstroke in summer?
गर्मी का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएँ लेकर आता है, जिनमें से सबसे गंभीर समस्या है लू लगना। भारत के कई हिस्सों में गर्मियों में तापमान 40 से 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है। ऐसे में यदि हम सावधानी न बरतें, तो लू लगना आम बात है। लू लगना एक गंभीर स्थिति है जो शरीर के तापमान के अत्यधिक बढ़ जाने के कारण होती है और समय पर उपचार न मिलने पर जानलेवा भी साबित हो सकती है। इस लेख में हम जानेंगे लू लगने के लक्षण, बचाव और उपचार के तरीके।
लू लगने के लक्षण
जब किसी व्यक्ति को लू लगती है, तो उसके शरीर में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
- तेज सिरदर्द
- अत्यधिक पसीना आना या कभी-कभी पसीना आना बंद हो जाना
- शरीर का तापमान अचानक बहुत बढ़ जाना (40°C या उससे अधिक)
- त्वचा का लाल और गर्म हो जाना
- चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना
- मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन
- तेज़ दिल की धड़कन
- उल्टी या मतली महसूस होना
- भ्रम की स्थिति या बोलचाल में गड़बड़ी
- बेहोशी या अचेत अवस्था
अगर इन लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे तो तुरंत उपचार करना चाहिए।
लू लगने पर क्या करें?
1. तुरंत ठंडी जगह ले जाएँ
सबसे पहले, पीड़ित व्यक्ति को धूप या गर्मी से हटाकर किसी ठंडी और छायादार जगह पर ले जाएँ। अगर संभव हो तो उसे एयर-कंडीशन्ड कमरे या पंखे के नीचे रखें।
2. शरीर को ठंडा करें
- व्यक्ति के कपड़े ढीले कर दें या अतिरिक्त कपड़े हटा दें।
- ठंडे पानी से कपड़ा भिगोकर शरीर को पोंछें।
- अगर संभव हो तो व्यक्ति को ठंडे पानी से नहलाएँ।
- बर्फ से सेक करें — बर्फ को एक तौलिये में लपेटकर गर्दन, बगल और जांघों पर रखें।
3. पर्याप्त पानी दें
- यदि व्यक्ति होश में है और उल्टी नहीं कर रहा है, तो उसे तुरंत पानी, नींबू पानी या ओआरएस (ORS) का घोल पिलाएँ।
- लू लगने पर शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है, जिसे तुरंत पूरा करना आवश्यक है।
ध्यान दें: अगर व्यक्ति बेहोश है या उल्टी कर रहा है, तो मुँह से कुछ भी न दें।
4. डॉक्टर से संपर्क करें
अगर लक्षण गंभीर हैं जैसे कि बेहोशी, तेज बुखार (40°C से ऊपर) या भ्रम की स्थिति है, तो बिना देर किए नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करें। लू लगने पर सही चिकित्सा सहायता बहुत जरूरी होती है।
लू से बचाव के उपाय
गर्मी के मौसम में लू से बचने के लिए कुछ सरल लेकिन महत्वपूर्ण सावधानियाँ अपनानी चाहिए:
1. अधिक पानी पिएँ
गर्मी में शरीर से पसीने के माध्यम से बहुत सारा पानी निकलता है। दिन भर में बार-बार पानी पीते रहें, भले ही प्यास न लगी हो। नींबू पानी, नारियल पानी और छाछ जैसे प्राकृतिक पेय पदार्थ भी उपयोगी हैं।
2. हल्के और ढीले कपड़े पहनें
गर्मी में हल्के रंग के, सूती और ढीले कपड़े पहनें ताकि शरीर से पसीना आसानी से वाष्पित हो सके और शरीर ठंडा बना रहे।
3. दोपहर में बाहर निकलने से बचें
दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच धूप सबसे तेज होती है। इस समय बाहर निकलने से बचें। यदि बाहर जाना अनिवार्य हो, तो सिर को कपड़े या टोपी से ढकें और सनस्क्रीन का प्रयोग करें।
4. संतुलित आहार लें
गर्मी में हल्का और सुपाच्य भोजन करें। मौसमी फल जैसे तरबूज, खरबूज, संतरा आदि का सेवन करें, जो शरीर को ठंडा रखते हैं और पानी की कमी को दूर करते हैं।
5. शरीर को ढककर रखें
धूप में निकलते समय छाता लें, सिर पर टोपी पहनें या गमछे से सिर और गर्दन को ढक लें। धूप से शरीर को बचाना जरूरी है।
6. इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें
अगर बहुत पसीना आ रहा है, तो ओआरएस का घोल या नमक-चीनी का घोल पीना चाहिए ताकि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी न हो।
7. नियमित रूप से नहाएँ
दिन में एक या दो बार ठंडे पानी से नहाएँ ताकि शरीर का तापमान सामान्य बना रहे।
लू लगने पर घरेलू उपाय
यदि लक्षण हल्के हैं, तो कुछ घरेलू उपाय भी राहत दे सकते हैं:
प्याज का रस
प्याज का रस लू से बचाने और उपचार में मददगार माना जाता है। प्याज का रस सिर पर लगाने से राहत मिल सकती है और प्याज का सेवन भी लाभकारी होता है।
बेल का शरबत
बेल का शरबत शरीर को ठंडक प्रदान करता है और लू से बचाव करता है। गर्मियों में इसका नियमित सेवन फायदेमंद है।
आम पन्ना
कच्चे आम से बना 'आम पन्ना' शरीर को ठंडक देता है और लू लगने से बचाता है। यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को भी पूरा करता है।
छाछ और दही
छाछ और दही का सेवन गर्मियों में शरीर को अंदर से ठंडा रखता है। यह पाचन को भी दुरुस्त करता है।
कब डॉक्टर के पास जाएँ?
अगर निम्न लक्षण दिखाई दें, तो घर पर इलाज न करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ:
- बेहोशी या अचेत अवस्था
- शरीर का तापमान लगातार बहुत अधिक रहना
- सांस लेने में कठिनाई
- बार-बार उल्टी होना
- मांसपेशियों में अत्यधिक कमजोरी या ऐंठन
समय पर उपचार से लू से होने वाली गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष
गर्मी में लू लगना एक खतरनाक स्थिति है, जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। थोड़ा सा सावधान रहकर और सही समय पर उचित कदम उठाकर हम लू से खुद को और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रख सकते हैं। अधिक से अधिक पानी पिएँ, हल्के कपड़े पहनें, धूप से बचें और यदि लक्षण दिखें तो तुरंत प्राथमिक उपचार करें और आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
ध्यान रखें — लू से बचाव इलाज से बेहतर है।